‌माखन चोरी लीला देख दर्शक हुए मन्त्रमुग्ध

‌माखन चोरी लीला देख दर्शक हुए मन्त्रमुग्ध
* राधा रानी के प्रथम आगमन पर माँ यशोदा ने की  गोद भराई,
* गोद भराई रश्म में दुद्धी की प्रथम महिला गुड़िया देवी,चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि सहित आयोजन समिति के पदाधिकारी हुए सम्मिलित 

दुद्धी-सोनभद्र,    स्थानीय तहसील परिषर में श्री रासलीला आयोजन समिति के कुशल तत्वावधान में आयोजित श्री रासलीला मंचन के क्रम में रविवार को राधा रानी की गोद भरायी व भगवान श्रीकृष्ण के माखन चोरी की लीला का सुंदर मंचन वृन्दावन के कलाकारों द्वारा किया गया।
रासलीला मंचन में सर्व प्रथम राधा रानी की गोद भरायी हुई। एक बार राधा जी खेलते खेलते बरसाने से नंदगाँव तक आ गयी। वहाँ उनकी भेंट कान्हा से हो गयी। कान्हा से मिलने पर कान्हा ने उन्हें अपने घर आने का न्योता दिया जिसे श्री जी द्वारा स्वीकार कर आने की बात कही गयी। 
अपने वादे को अमल करते हुए राधा रानी एक दिन  आखिर नंदगाँव पहुँच गयी। उनके वहाँ पहुँचते ही सबसे पहले माता यशोदा ने कीरत कुमारी  का स्वागत किया और प्रथम आगमन पर राधा जी गोद भरायी की।
गोद भरायी के क्रम में दुद्धी चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि व  उनकी धर्मपत्नी श्रीमती गुड़िया देवी सहित कमेटी के समस्त पदाधिकारी गणों के साथ श्री राधे सरकार की गोद भरी।फिर व्यास जी के आमंत्रण पर उपस्थित माता बहनों व भाइयो ने भी इस रश्म अनुष्ठान में अपनी सहभागिता दी। इस गोद भरायी के आयोजन में ऐसा लग रहा था मानो हर कोई इस युगल छवि के मनमोहक स्वरूप को अपने आँखों मे बसाना चाह रहा हो, हर व्यक्ति राधा जी की गोद भर कर उनसे अपने घर सुख समृद्धि वैभव व भगवत कृपा की कामना रख रहा था। इसी भाव से कोई वस्त्र,कोई चावल,कोई मिठाई,कोई फल कोई नारियल से तो कोई सम्पूर्ण सामानों से राधा रानी की गोद भरायी करते नजर आये।
इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला प्रारंभ हुई। भगवान श्रीकृष्ण माखन की चोरी अपने बाल सखा मण्डली के सहयोग से  ब्रज की गोपियों के घर मे करते हैं। एक गोपी ऐसा करते कान्हा को पकड़ लेती है और उनके हाथों को बाँधने का प्रयास करती है लेकिन जो परमात्मा हम सबको बांधता है उसे कौन बांधेगा। गोपी का प्रयास बार बार बेकार होता देख श्रीकृष्ण प्रभु कहते हैं कि तुम्हे तो बाँधना भी नही आता, आओ मैं तुम्हे सिखाता हूँ। भगवान की बातों के सम्मोहन में वह गोपी मग्न होजाती है औऱ प्रभु उसे बांध देते हैं। प्रभु की माया देखिए कि वे जिस गोपी के घर माखन चोरी किये उसी को उसी के घर बाँध भी दिए और वह गोपी कान्हा के प्रेम में अपने को बंधा भी लेती है। 
फिर कान्हा दूसरे गोपी के घर माखन चोरी करते हैं व अपने बाल सखा मण्डली के साथ खूब मस्ती करते हुए माखन चोरी करते हैं और खाते व खिलाते हैं।
माखन चोरी लीला में उपस्थित सभी दर्शक बहुत ही आनन्दित हो रहे थे। व्यास जी ने माखन चोरी के लीला के मर्म को बहुत ही विस्तार से बताते हुए कहा कि ब्रज की सभी गोपियां अपने घरों में कान्हा को बुलाना चाहती थी उनकी इच्छा होती थी कि एक बार श्यामसुंदर के पावन चरण यहां मेरे घर मे पड़ जाये तो मेरा घर सँसार स्वर्ग हो जाये।
आज की लीला मंचन के अवसर पर चेयरमैन दुद्धी राजुकमार अग्रहरि,डॉ राजकिशोर सिंह,जुबेर आलम,कन्हैया लाल अग्रहरि, दिनेश आढ़ती,मनोज अग्रहरि, पीयूष एड०,गोलू,कमलेश मोहन,संजय कुमार पूर्व प्रधान धनौरा,भोला बाबू,चन्द्रिका प्रसाद,राजू बाबू,ऋषभ मिश्रा, अध्यक्ष त्रिलोकी नाथ सोनी,संयोजक श्यामसुंदर अग्रहरि, संरक्षक आलोक अग्रहरि सहित तमाम दर्शक श्रद्धालु महिला पुरूष उपस्थित रहे। सुरक्षा व्यवस्था में कोतवाली के आरक्षी  अपनी ड्यूटी पूरी मुश्तैदी से करते नजर आये।