बिहार चुनाव से पहले लालू को एक और झटका, आरजेडी छोड़ जेडीयू में शामिल हुआ एक और विधायक


बिहार में सभी पार्टियों ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी के नेताओं के बीच दल-बदल का खेल भी जारी है। कोरोना और बाढ़ के बीच विपक्ष भी लगातार सरकार को घेरने में लगा हुआ है। हालांकि इन सबके बीच प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी को लगातार झटके लग रहे हैं। उसके एक के बाद एक नेता पार्टी का साथ छोड़कर जा रहे हैं। मंगलवार को भी लालू प्रसाद की पार्टी को यहां बड़ा झटका लगा।


विपक्षी पार्टी के विधायक बीरेंद्र कुमार ने नीतीश कुमार की सत्ताधारी जेडीयू का दामन थाम लिया। बीरेंद्र आरजेडी के सातवें ऐसे विधायक हैं जो चुनाव से पहले जेडीयू में शामिल हुए हैं। जेडीयू में शामिल होने के बाद, तेघरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने कहा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू किए गए बड़े पैमाने पर विकास कार्यों ने उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

इससे पहले 20 अगस्त को, परसा विधानसभा क्षेत्र से विधायक और लालू यादव के संबधी चंद्रिका राय ने भी आरजेडी छोड़कर नीतीश की पार्टी से जुड़ गए थे। वहीं राजद के दो अन्य विधायक जय वर्धन यादव (पालीगंज विधायक) और फराज फातमी (केवटी विधायक) भी उसी दिन जेडीयू से जुड़ गए थे। इनके अलावा 17 अगस्त को राजद के तीन विधायक, महेश्वर प्रसाद यादव (गायघाट विधायक), प्रेमा चौधरी (पटेपुर विधायक) और अशोक कुमार कुशवाहा (सासाराम विधायक) भी जदयू में शामिल हुए थे।

राजद नीत महागठबंधन को एक और झटका तब लगा जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने 20 अगस्त को विपक्षी गठबंधन में ढाई साल बिताने के बाद गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया।